Wednesday, January 5, 2011

आए नया साल


कमला निखुर्पा
 मन हरषाता सुख बरसाता आए नया साल,
सूर्य बनकर सबको जगाता आए नया साल।
हर गरीब के आँगन में  खुशी की सुनहरी धूप हो,
हर ललना के मुखड़े पे हँसी की चमक अनूप हो।
हर दिन को त्योहार बनाता आए नया साल,
मन हरषाता सुख बरसाता आए नया साल।
वेद की पावन ॠचाएँ , पाक कुरान को गले लगाएँ ,
इक ओंकार के सबद कीर्तन, घर-घर अलख जगाएँ ।
 मंगलगीत  सबको सुनाता आए नया साल ,
मन हरषाता सुख बरसाता आए नया साल।
चीर तमस के भेदभाव को,  हिय  नेह की जोत जले,
बेगाने अपने बन जाएँ , मानवता खूब में पले।
पूरे विश्व को प्रेमगीत सुनाता आए नया साल,
 मन हरषाता सुख बरसाता आए नया साल।
माँगे न कोई भीख अब, बच्चा काम पे ना जाए,
हर बालक के हाथ  किताब थमाता आए नया साल,
मन हरषाता सुख बरसाता आए नया साल,
सूर्य बन सबको जगाता आए नया साल।