कमला निखरूपा ..... 'हृदय की अनुभूतियों की संगम स्थली '
सुख तो सौरभ है दो दिन का ,
दुख दो पल की धूल है ।
इनको अपनी नियति समझना
ही जीवन की भूल है ।
-रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
बहुत प्रेरणादायक पंक्तियां हैं। आपका हार्दिक आभार।
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