उदासी के सन्ताप को शब्दों के मोतियों से सजा दिया है। गहन अनुभूति मन के तारों को झंकृत कर देती है।कमला निखुर्पा लिखती नहीं लेखन को जीती हैं। भाव और भाषा मिलकर रसोद्रेक में पूर्णतया सहायक हैं। चूनर भीगी भीगे नैन बावरे मन है प्यासा ! शब्द हैं चुप भीगी पलकें कहे मन की पीर | -ये हाइकु उच्च्कोटि के काव्य का नमूना है। बहुत बधाई
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उदासी के सन्ताप को शब्दों के मोतियों से सजा दिया है। गहन अनुभूति मन के तारों को झंकृत कर देती है।कमला निखुर्पा लिखती नहीं लेखन को जीती हैं। भाव और भाषा मिलकर रसोद्रेक में पूर्णतया सहायक हैं।
चूनर भीगी
भीगे नैन बावरे
मन है प्यासा !
शब्द हैं चुप
भीगी पलकें कहे
मन की पीर |
-ये हाइकु उच्च्कोटि के काव्य का नमूना है।
बहुत बधाई
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