आज माँ तेरी गोद फिर आयी याद .
वो आँचल मैला सा
जिसके कोने में तू बांधती थी
हरदम एक गाँठ |
तेरा फटा सा आंचल देता था जो सुकून
नहीं नसीब है वो.
-0-
वो आँचल मैला सा
जिसके कोने में तू बांधती थी
हरदम एक गाँठ |
तेरा फटा सा आंचल देता था जो सुकून
नहीं नसीब है वो.
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