नीला नभ , आसमान में आँचल लहराती प्रकट हुई मेघा रानी , पेड़ों के पीछे छुपा है नटखट पवन... मेघा रानी को दौड़ा रहा है ...ये क्या दौड़ते -दौड़ते मेघा तो नकचढी बिजली से टकरा गयी... उफ़ गगरी फूट गयी और झर- झर गिरने लगे सावनी हाइकु ...
हवा दौडाए
भागी भागी फिरे है
मेघा पगली |
गिरी धम से
टकराई बिजली
फूटी गागर |
चूनर हरी
भीगी वसुंधरा की
सिहर उठी |
मुख निहारे
निर्मल नीली झील
बनी दर्पण |
पावस रानी
टिप टिप बजाए
जल तरंग |
झूमे रे तरु
पपीहरा गाए है
नाचे है मोर |
कमला निखुर्पा
१९ अगस्त २०१३
हवा दौडाए
भागी भागी फिरे है
मेघा पगली |
गिरी धम से
टकराई बिजली
फूटी गागर |
चूनर हरी
भीगी वसुंधरा की
सिहर उठी |
मुख निहारे
निर्मल नीली झील
बनी दर्पण |
पावस रानी
टिप टिप बजाए
जल तरंग |
झूमे रे तरु
पपीहरा गाए है
नाचे है मोर |
कमला निखुर्पा
१९ अगस्त २०१३