जब भी देखती हूँ तस्वीर तुम्हारी
बस देखती ही रह जाती हूँ
तस्वीरों के रंग
बिखर बिखर जाते हैं मेरे वजूद में
यादों के मेघ तले, रंगों की बारिश में भीजती
चुपके से होठों पे सज जाती है
इन्द्रधनुषी मुस्कान |
जब भी सुनती हूँ बातें तुम्हारी
बस सुनती ही रह जाती हूँ
कुछ कह नहीं पाती
शहद सी मीठी तेरी बातें
घुल जाती है अंतर्मन में
अनजाने ही सरगम के मधुर सुर
गूंजने लगते है कानों में |
जब भी मिलती हूँ तुमसे
मिलने से पहले ही ये तन्हाई
डर जाती है, जाने क्यों सहम जाती है
कि मिलने के बाद बिछुडना भी है
छुप जाती है अपनी ही परछाई की ओट में
हाथों में लिए तस्वीर तुम्हारी ..
बस देखती ही रह जाती हूँ
तस्वीरों के रंग
बिखर बिखर जाते हैं मेरे वजूद में
यादों के मेघ तले, रंगों की बारिश में भीजती
चुपके से होठों पे सज जाती है
इन्द्रधनुषी मुस्कान |
जब भी सुनती हूँ बातें तुम्हारी
बस सुनती ही रह जाती हूँ
कुछ कह नहीं पाती
शहद सी मीठी तेरी बातें
घुल जाती है अंतर्मन में
अनजाने ही सरगम के मधुर सुर
गूंजने लगते है कानों में |
जब भी मिलती हूँ तुमसे
मिलने से पहले ही ये तन्हाई
डर जाती है, जाने क्यों सहम जाती है
कि मिलने के बाद बिछुडना भी है
छुप जाती है अपनी ही परछाई की ओट में
हाथों में लिए तस्वीर तुम्हारी ..
कमल