Wednesday, January 5, 2011

आए नया साल


कमला निखुर्पा
 मन हरषाता सुख बरसाता आए नया साल,
सूर्य बनकर सबको जगाता आए नया साल।
हर गरीब के आँगन में  खुशी की सुनहरी धूप हो,
हर ललना के मुखड़े पे हँसी की चमक अनूप हो।
हर दिन को त्योहार बनाता आए नया साल,
मन हरषाता सुख बरसाता आए नया साल।
वेद की पावन ॠचाएँ , पाक कुरान को गले लगाएँ ,
इक ओंकार के सबद कीर्तन, घर-घर अलख जगाएँ ।
 मंगलगीत  सबको सुनाता आए नया साल ,
मन हरषाता सुख बरसाता आए नया साल।
चीर तमस के भेदभाव को,  हिय  नेह की जोत जले,
बेगाने अपने बन जाएँ , मानवता खूब में पले।
पूरे विश्व को प्रेमगीत सुनाता आए नया साल,
 मन हरषाता सुख बरसाता आए नया साल।
माँगे न कोई भीख अब, बच्चा काम पे ना जाए,
हर बालक के हाथ  किताब थमाता आए नया साल,
मन हरषाता सुख बरसाता आए नया साल,
सूर्य बन सबको जगाता आए नया साल।

Friday, November 19, 2010

कुछ हाइकु

आसरा

आसरा

इस कदर गरज के बरसे हैं, बेमौसम ये बादल
ढहने लगा है आशियां मेरा ।
आसरा तलाशे निगाह ए बैचेन, सर छुपाने को
अपने घुटनों से बेहतर कोई आसरा न मिला ।

कमला 19.11.2010

डोकराजी को सलाम



रंग- रंगीली पगड़ी सिर पे
आँखों में लरजता प्यार है।

झुर्रियों से भरा चेहरा तेरा
कहता अनुभव अपार है।

तेरे उन्मुक्त हँसी के ठहाके
हर आँगन की शान है।

ये वृद्ध-बुजुर्ग नमन तुम्हें
तू भारत की शान है।

बडी–बडी नुकीली मूँछों में
छुपी मीठी मुसकान है।

बटुआ तेरा खाली–खाली सा
पर मन सोने की खान है।

ये वृद्ध बुजुर्ग नमन तुम्हें
तू भारत की शान है।

अनजाना है गाँव तेरा
लगता है मुझको अपना- सा।

ये लहराते हरे खेत
लगता है ये इक सपना –सा ।

मरुभूमि सिंचित तेरे पसीने से
तुझको मेरा प्रणाम है।

ये वृद्ध बुजुर्ग नमन तुम्हें
तू भारत की शान है।

शायद तुझमें ही छुपा हुआ
मेरा प्यारा हिन्दुस्तान है।

तेरे गाँव की मिट्टी से ही
मेरा भारत महान है।

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डोकरा= बूढ़ा

द्वारा- कमला